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काठमांडू। चालू वित्त वर्ष 2079-80 के आठ महीनों में सरकार का बजट घाटा एक खरब 56 अरब 44 अरब रुपये से अधिक हो गया है। फरवरी के अंत तक, सरकार रुपये के बराबर बजट खर्च कर चुकी है। नियंत्रक जनरल के कार्यालय द्वारा प्रकाशित चालू वर्ष के फरवरी माह के अंत तक के राजस्व संग्रह एवं बजट व्यय विवरण के अनुसार सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक है। इस दौरान सरकार का राजस्व संग्रह सालाना लक्ष्य का 42.7 प्रतिशत है, जबकि बजट व्यय 43.44 प्रतिशत है।

चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार 17 खरब 93 अरब 837 करोड़ रुपए के बराबर का बजट लेकर आई थी। हालांकि राजस्व लक्ष्य के अनुरूप नहीं बढऩे के कारण बजट का आकार 14 फीसदी यानी 100 करोड़ रुपये कम कर दिया गया। प्रारंभिक रूप से आवंटित बजट की तुलना में आठ माह का बजट व्यय मात्र 43.44 प्रतिशत है। यानी फरवरी के अंत तक सरकार कुल सात अरब 79 अरब 23 अरब रुपये खर्च कर चुकी है.

इस अवधि के दौरान, सरकार का वर्तमान व्यय 51.46%, पूंजीगत व्यय 22.15% और वित्तीय प्रणाली पर व्यय 37.41% है। वर्तमान शीर्षक में, रुपये के बराबर वार्षिक आवंटन है। इसी तरह पूंजीगत मद में 380 अरब 38445 करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से केवल 22.15 प्रतिशत यानी 84 अरब 256 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। वित्तीय प्रबंधन के लिए आवंटित 230 अरब 2177 करोड़ रुपये के सालाना बजट में फरवरी अंत तक 86 अरब 129 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। महानियंत्रक के आंकड़ों पर नजर डालें तो आठ माह के दौरान वित्तीय व्यवस्थाओं पर होने वाला खर्च पूंजीगत व्यय से अधिक है।

फरवरी के अंत तक, सरकार का राजस्व संग्रह वार्षिक लक्ष्य के केवल 42.7 प्रतिशत के बराबर है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 200 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। जिसमें से आंतरिक राजस्व संग्रह 41.53 प्रतिशत यानी पांच खरब 82 अरब 77 लाख 15 हजार रुपये है।

इस वर्ष सरकार का विदेशी सहायता प्राप्त करने का लक्ष्य 55.45 अरब 83 करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक केवल 8.66 प्रतिशत या 4.8 अरब 80 करोड़ रुपये की विदेशी सहायता प्राप्त हुई है।



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March 15th, 2023

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