[ad_1]

काठमांडू। बालाजू कांड में कमजोरी के आरोप को लेकर घाटी पुलिस कार्यालय ने डीएसपी रविन बिष्ट का प्रमोशन 3 साल के लिए रोकने का फैसला किया है. बालाजू के माछापोखरी में पुलिस और परिवहन कर्मियों के बीच हुई झड़प में जांच कमेटी का मानना ​​है कि सोहराखुट्टे के डीएसपी बिष्ट और डीएसपी गणेश बहादुर बाम कमजोर थे.

घटना के समय रविन बिष्ट बालाजू पुलिस सर्कल के प्रमुख थे। घटना के बाद उन्हें महानगर पुलिस कार्यालय ने बालाजू सर्कल से हटा दिया था।

पुलिस सर्कल सोहराखुट्टे में कार्यरत डीएसपी गणेश बहादुर बम को ‘चेतावनी’ देने का फैसला किया गया है. डीआईजी मसूद आलम खान के नेतृत्व वाली जांच समिति की सिफारिशों के अनुसार, घाटी पुलिस कार्यालय ने उसके खिलाफ कार्रवाई की।

1 फरवरी को प्रदर्शन के दौरान माछापोखरी में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की दो कारों में आग लगा दी थी। जांच समिति का निष्कर्ष यह है कि माछापोखरी क्षेत्र को सौंपे गए दो डीएसपी की कमजोरी के कारण पुलिस वाहन को जलाया गया था. समिति ने पुलिस सर्किल सोहराखुटे में कार्यरत डीएसपी रविन बिष्ट व डीएसपी गणेश बहादुर बाम के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की.

प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस सर्कल बालाजू के बालाजू डीएसपी रविन बिष्ट नंबर 144 और माजदा वाहन नंबर 7224 की स्कॉर्पियो (पिकअप) को आग के हवाले कर दिया. घटना वाले दिन सोहराखुट्टे के डीएसपी बाम को अतिरिक्त मदद के तौर पर बालाजू में तैनात किया गया था.

जांच कमेटी का मत है कि डीएसपी रविन बिष्ट वाहन छोड़कर प्रदर्शन स्थल से भाग गए थे. विरोध के उग्र होने पर डीएसपी बाम भी घटनास्थल से चले गए, जांच कमेटी ने निष्कर्ष निकाला.

प्रदर्शन के दौरान ल्होत्से मॉल में एसिडिसी मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड और अर्जुन चालिस द्वारा संचालित डायमंड मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड और गजेंद्र नुपाने द्वारा संचालित काठमांडू सुपरमार्केट प्राइवेट लिमिटेड से मोबाइल फोन लूट लिए गए।



[ad_2]

March 17th, 2023

प्रतिक्रिया

सम्बन्धित खवर