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जिले में सरसों का उत्पादन बढ़ा है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष उत्पादन में वृद्धि हुई है। कृषि ज्ञान केन्द्र चितवन के अनुसार विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में सरसों की खेती की भूमि के रकबे में वृद्धि एवं उत्पादन में वृद्धि हुई है।

केंद्र के कार्यकारी प्रमुख मीन बहादुर पुन के अनुसार इस वर्ष 15 हजार नौ सौ 24 हेक्टेयर क्षेत्र में 19 हजार एक सौ आठ मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन हुआ है. वर्ष 2077/078 में 12 हजार दो सौ 60 हेक्टेयर क्षेत्र में 12 हजार दो सौ 18 मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2078/079 में 13 हजार दो सौ 70 रकबे में 14 हजार आठ सौ 62 मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन हुआ।

तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगता है कि सरसों की खेती के रकबे के साथ-साथ उत्पादन भी बढ़ा है। पुन ने बताया कि चितवन में सरसों की खेती के प्रति किसानों का आकर्षण बढ़ने से रकबा और उत्पादन बढ़ रहा है। पुन ने कहा कि सरसों की खेती जंगली जानवरों से प्रभावित नहीं होती है और चूंकि यह तेजी से उपज देने वाली फसल है, इसलिए गेहूं के किसान सरसों की खेती की ओर आकर्षित होते हैं।

चितवन के माडी, बच्योली, पदमपुर, शुक्रनगर, मेघौली, जीतपुर क्षेत्रों में सर्वाधिक सरसों की खेती होती है।



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March 27th, 2023

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