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काठमांडू। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने आज रात 9 बजे आसन में मछिंद्रनाथ के रथ का दर्शन किया और प्रसाद ग्रहण किया। जिस रात सेतो मछिंद्रनाथ के रथ को आसन लाया गया, उस रात राष्ट्रपति ने आसन पहुंचकर पूजा-अर्चना की और दर्शन किए।
तीनधारा पाठशाला के सामने चैते दशाईं के दिन से 32 हाथ लम्बा रथ बनाकर खींचा जाता है। यह रथ नागराज का प्रतीक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस तीर्थयात्रा के बाद हर साल बारिश और बारिश होगी।
दूसरे दिन रथ को आसन से वसंतपुर में कालभैरव तक ले जाया जाता है। तीसरे दिन बसंतपुर से तीर्थ यात्रा पर जाने की परंपरा है। लगन के दौरान सेतो मछिंद्रनाथ की माता के मंदिर में रथ की तीन बार परिक्रमा की जाती है। राजधानी में सफेद मछिंद्रनाथ रथ यात्रा पूरी होने के बाद लाल मछिंद्रनाथ रथ यात्रा निकलती है।
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