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काठमांडू। पाटन हाई कोर्ट ने काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी द्वारा सार्वजनिक भूमि पर बने अनधिकृत ढांचों को 7 दिनों के भीतर हटाने के लिए दी गई अधिसूचना को तुरंत लागू नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है.
गुरुवार को दर्ज रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश धीर बहादुर चंद की एकल पीठ ने अधिसूचना को तुरंत लागू नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया. नगर निगम ने नगर निगम द्वारा जारी नोटिस को लागू नहीं करने का आदेश दिया है जिसमें कहा गया है कि ‘यदि निर्धारित समय के भीतर इसे नहीं हटाया गया तो नगर स्वयं ही ढाँचे को हटा देगा और इसका मुआवजा स्वयं वहन करना होगा।’
जनुका पोखरेल, शुभमाया परियार (कपाली), शानू तमांग, पवित्रा नेपाली, झवरलाल उराव और नेपाल महिला एकता समाज ने संयुक्त रूप से 16 चैत को पाटन हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। उन्होंने प्रधान मंत्री कार्यालय और मंत्रिपरिषद, काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी, राष्ट्रीय भूमि आयोग, अधिकार प्राप्त वक्तृत्व सभ्यता एकीकृत विकास समिति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और अन्य के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की।
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