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काठमांडू। कथावाचक अमर नूपाने, निबंधकार, पत्रकार दीपक सपकोटा, आलोचक ज्ञानू अधिकारी और लेखक गोपी सपकोटा ने शनिवार को राजधानी के मंडला थियेटर में कथावाचक गोपी सपकोटा के प्रायोगिक उपन्यास ‘चिसो बाफ’ का विमोचन किया।
कथावाचक अमर नूपाने ने कार्यक्रम में कहा, ‘कथानक की संरचना में नया प्रयोग और कल्पना उपन्यास की विशेषता है। रचना आविष्कार है और उसकी प्रवृत्ति लेखन में नवीनता लाने की है। इस उपन्यास में नेपाली में लिखी कहानियों की तुलना में एक नई शैली है,” उन्होंने कहा। “लेखक ने एक असामान्य कहानी को आसान तरीके से लिखा है। उपन्यास पढ़कर पाठक सुन्दर संतुष्टि में खो जाता है।’
पत्रकार और निबंधकार दीपक सपकोटा ने कहा कि उपन्यास कल्पना और व्यावहारिकता में उत्कृष्ट है। ‘उपन्यास का कथानक, चरित्र चित्रण, प्रयोग, शैली उद्देश्यपूर्ण और अर्थपूर्ण है। अनोमलट पाटो की कहानी एक अंधेरे रूप में बताई गई है’, सपकोटा ने कहा, ‘पात्र परस्पर विरोधी विचारों से भरे भ्रम की स्थिति में भ्रमित भटकने वाले हैं। उपन्यास की संरचना अलग है।’
आलोचक ज्ञानु अधिकारी ने कहा कि ‘चिसो बाफ’ नेपाली साहित्य में एक सुंदर लिखित प्रायोगिक आख्यान बन गया है। एक प्रयोग है, लेकिन कहानी बहुत साधारण है। इतने सरल तरीके से व्यावहारिक लेखन लिखना चुनौतीपूर्ण है। पाठक को ऐसा लगता है जैसे वह कहानी को समझता/समझती है,’ उसने कहा।
विश्व साहित्य में हो रहे प्रयोगों की चर्चा करते हुए लेखक गोपी सपकोटा ने कहा कि उन्होंने एक प्रयोगात्मक धार्मिक आख्यान लिखने की कोशिश की और पाठक को एक अलग स्वाद देना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि पाठक यह महसूस करें कि उपन्यास की घटनाएं सपनों की तरह हैं।’ लेखक गोपी सपकोटा इससे पहले ‘पूर्णविराम’, ‘खरानी’, ‘प्रेम सखाएं’ नाटक संकलन और ‘कांछो कागज’ प्रकाशित कर चुके हैं। पुस्तक कलाम प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है। पुस्तक का मूल्य 445 रुपये है।
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